10 अक्टूबर को मंत्री बीडी कल्ला करेंगे लॉन्च
28 साल बाद कलाकारों का डेटा होगा तैयार, विभाग की तैयारी तेज
जयपुर प्रदेश के कलाकारों के लिए एक अच्छी खबर है, सरकार हर विधा के कलाकारों का डेटा तैयार कर रही है। डेटा के जरिए सभी कलाकारों को सरकारी योजनाओं की जानकारी मिल सकेगी, बल्कि जरूरतमंद कलाकारों को सरकार की तरफ से आर्थिक मदद भी मिल सकेगी। आर्ट एंड कल्चर डिपार्टमेंट और जेकेके ने क्राउडसोर्सिंग इनिशिएटिव के माध्यम से राज्यभर के कलाकारों के डेटाबेस एकत्र करने का निर्णय लिया है। इसकी लॉन्चिंग 10 अक्टूबर को मंत्री बीडी कल्ला करेंगे। विभाग की प्रमुख शासन सचिव मुग्धा सिन्हा ने बताया कि ‘कॉल फॉर आर्टिस्ट डेटाबेस’ में विजुअल, परफॉर्मिंग, साहित्यिक, लुप्त होती कलाएं, घुमंतू कलाएं, लोक कलाएं, जनजातिय सहित अन्य कला शैलियों को शामिल किया जाएगा। गौरतलब है कि जेकेके ने 1992 में जिला स्तर पर कलाकारों का डेटा बेस तैयार किया गया था, अब 28 साल बाद फिर से बड़े स्तर यह प्लानिंग हुई है।
जिला कलेक्टर्स को लिखी चिट्ठी
विभाग की ओर से प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स को इस प्रोजेक्ट से जुड़ने के लिए चिट्ठी लिखी गई है। इसमें 10 अगस्त को लॉन्चिंग के मौके पर जिला कलेक्टर्स व पीआरओ को उपस्थित रहने के लिए भी दिशा निर्देश जारी हुए हैं। ऐसे मेंजिला कलेक्टर्स गांव, ढांणी और तहसिल सहित जिला में रहने वाले कलाकारों का डेटा तैयार करने के लिए प्रशासनिक मदद देंगे। गूगल फॉर्म 10 नवम्बर तक जमा होंगे, इसके बाद सारी जानकारी विभाग की वेब साइट पर दी जाएगी।
साहित्य से जुड़े लोगों का बनेगा डेटा
मुग्धा सिन्हा ने बताया की साहित्यिक कला के तहत लेखक, अनुवादक, संपादक, प्रकाशक, कवि और जिनेलोजिस्ट शामिल हैं, जबकि घूमंतू कला में केश सज्जा कलाकार, सर्कस, कठपुतली, बेहरूपिया और अन्य शामिल हैं। हैंडिक्राफ्ट शैलियों में बुनाई, कढ़ाई, क्रोशेट, शटल फोटोग्राफी, बढ़ईगीरी शामिल हैं। सभी विधाओं के कलाकारों के साथ संस्थाओं की भी जानकारी मांगी गई है। विभाग ने इसके लिए गूगल फॉर्म बनाया है, जिसमें कलाकार जानकारी भर सकेंगे।
इन विधा के कलाकार होंगे शामिल
परफॉर्मिंग आर्ट्स के तहत संगीत कला में गायक, वादक एवं अन्य, फिल्म/टेलीविजन कला में अभिनेता/अभिनेत्री, निर्देशक, प्रोड्यूसर /लाइन प्रोड्यूसर, पटकथा लेखक, मेकअप कलाकार एवं अन्य शामिल हैं। इसी प्रकार नृत्य कला में शास्त्रीय, समसामयिक, पश्चिमी,लोक, जनजातिय एवं अन्य कला स्वरूप के तहत नाटक, थिएटर, नुक्कड़ नाटक, तमाशा एवं नट कलाकार शामिल हैं। इसी तरह, दृश्य कला के तहत पेंटिंग में वाटर कलर, ऑयल/एक्रेलिक, स्केच आर्ट, मंडाला आर्ट, प्रिंट मेकिंग, वुडकट, एम्ब्रॉयडरी आर्ट, डिजिटलआर्ट, ग्राफिक आर्ट शामिल है। विजुअल आर्ट के तहत अन्य कला शैलियों में स्कल्प्चर, सिरेमिक्स, ब्लू पॉटरी सहित पॉटरी, टेक्सटाइल ब्लॉक मेकर्स, रंगोली/मांडना/फ्लोर अथवा वॉल आर्ट, ज्वैलरी थेवा या
मीनाकारी अथवा कुंदन, टैटू एवं अन्य कलाएं भी शामिल है।